नेपाल-भारत में संयुक्त रूप से भोजपुरी साहित्यिक गतिविधि जोर पकड़ रहा है- पाण्डेय

नेपाल-भारत में संयुक्त रूप से भोजपुरी साहित्यिक गतिविधि जोर पकड़ रहा है- पाण्डेय

Spread the love

अन्तर्राष्ट्रीय आँनलाइन भोजपुरी दर्शन कवि सम्मेलन व मुशायरा-८ का हुआ समापन
नेपाल (शिवनंदन जायसवाल)। अनलाइन वीडियो भोजपुरी दर्शन कवि सम्मेलन व मुशायरा-८ का सफल आयोजन हुआ।इसमें मुख्य अतिथि दिल्ली(भारत) सर्व भाषा ट्रस्ट के समन्वयक प्रो. केशव मोहन पान्डेय और अध्यक्षता  भोजपुरी प्रज्ञा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष आनन्द गुप्ता ने की। वहीं इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि झारखण्ड जमशेदपुर (भारत) से भोजपुरी अङ्ग्ना के सम्पादक प्रो. डा. सन्ध्या सिन्हा, बारा कलाइया से गजलकार रामप्रसाद साह और जंग बहादुर यादव, परासी पश्चिम से अनिल कुर्मी, विश्वनाथ सिंह व मर्चवार से शिवनन्दन जायसवाल ने अपनी रचनाओं में कविता, शायरी, गजल सुनाकर भाव-विभोर कर दिया।कार्यक्रम का आयोजन व संचालन शिवनंदन जायसवाल ने की।नेपाल सरकार द्वारा लगाये गये लाँक डाउन का पालन करते हुए इस साहित्यक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नया साल २०७७ की शुभकामना भी लोगों ने एक दूसरे को दी। इस बीच  नेपाल-भारत में संयुक्त रुप से भोजपुरी साहित्यक गतिविधि बहुत तेजी से एकताबद्ध तरीके से आगे बढ रहा है। ये बातें मुख्य अतिथि कवि केशव मोहन पान्डेय कही।गजलकार राम प्रसाद साह बिरहा ने बताया कि  भोजपुरी मेंं अभी भी सरकारी काम-काज नहीं हो रहा है। प्रज्ञा अध्यक्ष आनन्द गुप्ता ने अपने मुक्तक से सहभागी और उपस्थितों की ताली बटोरते कहा कि भोजपुरी भाषियों की जनसंख्या नेपाल में कम दिखाया जा रहा है। इसलिए अबकी जनगणना में मातृभाषा भोजपुरी जोरशोर सेे लिखाानाा पड़ेगा।डा. सिन्हा गजल से प्रेम बिखेरत हुए बातया कि यह सम्मेलन अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भोजपुरी के लिए महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। कवि राम प्रसाद साह मातृभाषा के मोह को लोगों के रग-रग मेंं संचारित होने की बात कही। कार्यक्रम का संचालक शिवनन्दन जयसवाल ने करते हुए अपने अमूल्य सुझाव देते सम्मेलन को और भव्य बनाने पर जोर दिया।   

admin

Related Posts

leave a comment

Create Account



Log In Your Account