अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी संस्थान (एशिया-यूरोप) के फेसबुक वॉल से
इस अंधी बहरी दुनिया को
दिल से आज सुनाना है |
हालात बदल गये है इसके,
ये इसको बतलाना है |
दिल से आज सुनाना है ||
ऊँचा सुनती है ये दुनिया,
अपनी आवाज उठाना है |
दिल से आज सुनाना है ||
इतने धर्मो के होते हुये,
इन्सानियत लुप्त हो गयी है,
ये इसको दिखलाना है |
दिल से आज सुनाना है ||
मरता हो तो मर जाये कोई,
हमे तो पैसा चाहिये,
इस कफनचोरो की दुनिया को,
इसी का रंग दिखाना है |
दिल से आज सुनाना है ||
सांसे लेते गंदी आज हम,
इस दुनिया का भविष्य क्या होगा,
इसी की भाषा मे इसको
आज समझाना है |
दिल से आज सुनाना है |
©पूरनभंडारी सहारनपुरी
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