बिहार की मिट्टी का कर्ज उतार रहे एनआरआई, रवि शंकर चंद ने एनआरआई की बनाई टीम

बिहार की मिट्टी का कर्ज उतार रहे एनआरआई, रवि शंकर चंद ने एनआरआई की बनाई टीम

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कोरोना काल में ऑक्सीजन कंसीटेटर और ऑक्सिमिटर कई जिलों में भेजा
अब कोरोना से जान गंवा चुके परिवार की हो रही मदद

पटना।कोरोना संक्रमण काल में रिश्ते नाते जहां लाचार हो रहे हैं, वहीं अनजान चेहरे मददगार बन रहे हैं। इस दौर में ‘अपने’ जहां दूर रह रहकर कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं, वहीं अनजान चेहरे फरिश्ते बन रिश्ते पर भारी पड़ रहे हैं। कोरोना को हराने के लिए लोग एकजुट होकर मदद कर रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की लिए मदद के हाथ उठ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में लोग आशंकित जरूर हैं, लेकिन मदद के लिए आगे भी आ रहे हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति है पटना के जगदेव पथ के राम बिहारी चंद के पुत्र रवि शंकर चंद। कोरोना की पहली लहर में करीब छह हजार लोगों को चार्टेड विमान कर दुबई से बिहार भेजने वाले रवि शंकर चंद किसी परिचय के मोहताज नहीं है।लोगों की मदद को आगे रहने वाले रवि ने कोरोना की दूसरी लहर में विदेश में रहने वाले लोगों की टीम बनाकर अब तक भोजपुर,बक्सर, रोहतास,गोपालगंज, नांलदा, बिहार पुलिस अकादमी सहित अन्य जिलों की मदद की।

ऑक्सीजन कंसिटेटर, ऑक्सीमीटर, मास्क आदि इन जिलों को भेजा। साथ ही नगद राशि भी भेजी ताकि संक्रमित मरीजों का इलाज हो सकें। अब रवि कोरोना से अपनी जान गवां चुके लोगों के परिवार की मदद करने का ठाना है। इस बाबत वे हर जिले में ऐसे परिवार को चिन्हित करा कर राशन सामग्री भेजने का काम कर रहे है। भोजपुर और कई जिलों में राशन पहुंचाया भी जा चुका है। पटना में भी 25 परिवारों को वे राशन वितरण करा रहे है।रवि शंकर चंद ने बताया कि मानवता के नाते ऐसे परिवारों को जहां तक हो रहा है, मदद की जा रही है।उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को ढाढस बंधाना भी बड़ा काम का होता है।

बोले रवि आगे भी जारी रहेगी मुहिम
रवि शंकर चंद दुबई के एक बहुराष्ट्रीय कपनी में निदेशक हैं। बिहार की मिट्टी पर जन्मे और पले बढे होने की वजह से उनका यहां से खास लगाव है। मौका मिलने पर वे बिहार आकर जनता की सेवा और युवा शक्ति को संगठित करने के काम में लगना चाहते हैं। नशा मुक्ति और रोजगार जैसी समस्यायों पर उनकी नज़र है।उनका मकसद है कि बिहार के लोगों को विदेश में जॉब भी मिले। आनेवाले दिनों में इस क्षेत्र में भरपूर कार्य करने की योजना बनाए है। उन्होंने फ्रंट लाइन वर्कर्स , डॉक्टर्स , मीडिया कर्मी , पुलिस , नगर निगम , सफाई कर्मचारी और प्रशासन की तारीफ़ की, जिन्होनो दम ख़म से कोरोना की लड़ाई को लड़ा। बताया की बिहटा के मनेर में भी ऑक्सीजन कंसीटेटर सहित अन्य उपकरण दो दिनों में भेजा जायेगा।

राहत में इनका रहा सहियोग पटना में दो दर्जन से अधिक लोगों को राशन पहुंचाया गया है। राहत सामग्री भेजने में मुख्य भूमिका अम्बेकरग्लोबल.कॉम संस्था की रही। संस्था के रवि शंकर चंद ने विदेश में रहने वाले लोगों की टीम बनाई और मदद को ठाना। इस कार्य में इंग्लैंड में बाथ सिटी के डिप्टी मेयर डॉ युक्तेश्वर ( बिहार के समस्तीपुर) अमेरिका में रहने वाले बक्सर के वैज्ञानिक डॉ रुद्र कुमार दुबे, थाईलैंड के व्यापारी बिहार के महराजगंज के विनोद कुमार सिंह के पुत्र देव कुमार सिंह,थाईलैंड में रहने वाले ही रोहतास के रंजीत सिंह, समस्तीपुर के डॉ अरविन्द चौधरी और दुबई में पटना की डॉक्टर डॉ सीमा पांडेय जो कंगडबाग की डॉ सुषमा पांडेय के बेटी हैं, दुबई में रहने वाले बक्सर के कुछीला के नरेंद्र प्रसाद राय के पुत्र आशीष राय, दुबई में रह रहे नालंदा के प्रकाश भारती, बेतिया के विवेक सिंह , सिवान के लोकेश मिश्रा, गोपालगंज के मुहम्मद सोहैल, ब्रजेश भारती, अमेरिका में रहने वाले रोहतास के मृतुन्जय सिंह ने सहयोग किया।वहीं फ्रांस में रहने वाले मनेर स्वीट के संजीव गुप्ता ने सहयोग किया है।

युवाओं को रोजगार दिलाना मिशन
रवि शंकर चंद ने बताया कि कोरोना की स्थिति ठीक होने के बाद बिहार के लिए कुछ अलग करने की हमारी योजना है। विदेश में पंजाब के करीब चालीस लाख और केरल के 20 लाख लोग है।बड़ी आबादी होने के बाद बिहार के पौने चार लाख लोग विदेश में है। बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है।बशर्ते लोगों को सही मार्गदर्शन मिलना चाहिए। जॉब मिशन के तहत एनआरआई ग्रुप बनाकर युवाओं को रोजगार के लिए ट्रेनिंग के साथ प्रोत्साहित किया जाएगा। ताकि विदेश में अच्छी नौकरी उन्हे मिल सकें। मिशन जॉब जल्द ही शुरू किया जायेगा।स्किल डेवलपमेंट के साथ आईटीआई और अन्य कोर्स करने वाले युवाओं के लिए रोजगार की विदेशों में कमी नहीं है।

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