गांधी की कर्मभूमि आज उपेक्षित है : डॉ उमेश

संपादक : सरस्वती कुमारी की कलम से प्रो.मनोज कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा की गौरवशाली इतिहास पर इठलाने के बजाय चिंतन, बदलाव की आवश्यकता है, विकास का वर्तमान मापदंड, संसाधन की प्रचुरता हैं, परंतु वास्तव में बिहार कृषि एवं रोजगार से ही आगे बढ़ सकेगा। मछली, मखाना, पशुधन, सब्जी आदि से संबंधित उद्योग लगा
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