Charchaa a Khas
संतोष कुमार सिंह,
संग्रामपुर ।
पिछले कुछ दिनों से आमलोग आसमान छूते महंगाई की मार झेल रहे हैं। आमलोगों के जुबान पर बस एक बात उभर के आ रही हैं कि अचानक इतनी महंगाई कैसे और क्यों हुई है। आमलोगों को ये तो सिस्टम आयात निर्यात समझ से परे हैं। वो तो सिर्फ रेट देखते हैं और अपने रोजमर्रा की पूर्ति किसी तरह करते है। पिछले कुछ दिनों से खास कर सब्जियों की बढती कीमत लोगों को इस तरफ प्रभावित किया है कि क्या आम और क्या खास सभी के जेबों पे अपना असर छोड़ गया हैं। बताते चलें कि अचानक भोजन की थालियों से हरी सब्जियां गायब होने लगी है। दामों में इस तरह के उछालो से लोगों ने हरी सब्जियों से दूर जाते दिखाई दें रहे है।
एक ओर सरकार सभी को स्वस्थ रहने के लिए अपने भोजन में पौष्टिक आहार को सामिल करने की बात कर रहे हैं। क्या ऐसे महंगाई में आमलोग अपने भोजन में प्रचुर मात्रा में देने बाले हरी सब्जियों को सामिल कर पाएंगे। आइये आपको अबगत कराते हैं। हमारे रोज के भोजन में सामिल होने बाले कुछ प्रमुख चीजें। जैसे फुलगोभी और बंधगोभी 60-70 रुपया किलो बिक रहा है तो भिन्डी और परवल 50-60 रुपया किलो। झींगली और झींगा के अचानक बढ़े दाम ने लागों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। आमलोगों को समझ नहीं आ रहा है कि चावल और रोटी के साथ खाए तो क्या खाएं। इसलिए कई परिवार अब खाने में दाल, राजमा या छोले को तव्वजो देने लगे हैं। शहर में प्याज की कीमत पिछले 5 नवम्बर से ही आसमान पहुंच चुका है। इस कारण लोगों ने प्याज खरीदना कम कर दिया। इस कारण कई घरों के रसोई से प्याज गायब होता जा रहा है। औषधीय गुणों को अपने में समेटने वाला प्याज आज बढ़ी कीमत की वजह से घर से बाहर होता जा रहा है। अभी भी बाजार में ग्राहक भटकते और परेशान देखे जा रहे हैं। प्याज की मंहगाई ने ग्राहकों को आंसू निकाल दिया है। बिना प्याज सब्जी से स्वाद भी गायब हो गया है। जो प्याज छठ से पहले 40- 50 प्रति किलो था। वही प्याज छठ के समाप्त होती ही दूसरे दिन से मंडी में इसकी कीमत 80 रुपय प्रतिकिलो पहुंच चुकी है। बहुत सारे गुण पाया जाना वाला प्याज, हर प्रकार की सब्जी के अलावा चिकेन हो या मटन हो सभी में प्रयोग किया जाने वाला प्याज आज लोगों के रुला रहा है। भट्ठा सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेता दीपक कुमार ने बताया कि स्टॉक नहीं होने के कारण प्याज की कीमत अधिक हो गई है। डिमांड के हिसाब से प्याज की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यही मुख्य कारण है प्याज की कीमत के बढ़ने का। वहीं सब्जी विक्रेता मोहन राय ने बताया कि नासिक में आए बाढ़ के कारण प्याज की फसल बहुत बर्बाद हो चुकी है। इस कारण प्याज की प्रचुरता बाजार में नही होने के कारण सप्लाई कम है, लेकिन डिमांड में कोई कमी नहीं है। यही वजह है कि कीमत बढ़ती जा रही है। खैर हमलोगों की कौन सुनता ये अपनी आवाज को कहाँ तक बुलन्द कर पाएंगे। ये एक सोचनीय प्रश्न हैं।