Charchaa a Khas
मामला नियम विरुद्ध तरीके से स्टोन बोल्डर भेजने का
डीसी के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय कमिटी को जांचा रिपोर्ट सौंपनी है
साहिबगंज, झारखंड (संवाददाता)। ज़िले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर द्वारा झारखंड राज्य के एक मात्र जिला साहिबगंज से गुज़रने वाली गंगा नदी को प्रदूषित होने व जलीय जीव जंतु व संरक्षित डाल्फिंस को बचाने हेतु सुबे के खान निदेशक, नमामी गंगा मिशन नई दिल्ली के डायरेक्टर, जिले के डीसी, डीटीओ व स्टोन बोल्डर सप्लायर मां तारा कंस्ट्रक्शन कंपनी मालदा व जी.के इंटरप्राइजेज मुजफ्फरपुर को प्रतिवादी बनाते हुए एनजीटी ईस्टर्न जोन कोलकाता बेंच में याचिका संख्या ओए संख्या -162/2023 बीते माह दायर कर एनजीटी से गुहार लगाया था कि इन लोगों के आपसी सांठ गांठ से नियम विरुद्ध बड़े पैमाने पर स्टोन बोल्डर भेज कर गंगा नदी को प्रदुषित करने के साथ ही साथ जलीय जीव जंतु व संरक्षित डाल्फिंस को भारी पैमाने पर नुक्सान पहुंचाने के लिए इन लोगों पर कड़ी से कड़ी दंडात्मक कार्रवाई व पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना लगायी जाय। इस मांग पर बीते माह एनजीटी के जुडिशियल मेंबर बी.अमित स्थालेकर व एक्सपर्ट मेंबर डा.अरूण कुमार वर्मा ने सुनवाई करते हुए जिले के डीसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करते हुए घटना स्थल की स्थलीय जांच रिपोर्ट समर्पित करने व सभी प्रतिवादियों को हलफनामा के माध्यम से जवाब दाखिल करने का आदेश पारित किया था। जिसकी आज सुनवाई होने वाली थी। आज कोर्ट के नहीं बैठने के चलते अब इस मामले की सुनवाई अगले वर्ष 6 फरवरी को होगी। सुनवाई टलने से पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों व पत्थर कारोबारियों ने जहां एक तरफ़ राहत की सांस ली तो दुसरी तरफ़ पर्यावरण प्रेमियों में मायुसी छा गई। अब सबकी निगाहें 6 फरवरी की सुनवाई पर टिक गई है।