Charchaa a Khas
-संवैधानिक मान्यता दिलाने को लेकर एक जुट हुए लोग
-अंगिका की उपेक्षा अब हम नहीं सहेंगे: धरनार्थी
-अंगिका भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करें,
कुंदन राज ब्यूरो प्रभारी।
भागलपुर। अंगजनपद की ऐतिहासिक धरोहर मातृभाषा अंगिका परिचय का मोहताज नहीं है। अंगिका भाषा को उपेक्षा के अलावा कुछ नहीं मिला है। जिस तरह देश में अन्य भाषा, बांग्लाभाषा, भोजपुरी भाषा के अलावा कई भाषा पर सरकार का विशेष ध्यान गया है, उसके हिसाब से अंगिका भाषा पर इतना विचार नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते अंगिका भाषा उपेक्षित होती चली जा रही है। अंगिका भाषा की संवैधानिक मान्यता दिलाने को लेकर गुरुवार को अंग क्षेत्र के लोगों ने एक विशाल धरना का आयोजन किया। इस दौरान धरनार्थियों ने कई मांगों को लेकर जमकर हल्ला बोल प्रदर्शन किया। इस मौके पर धरनार्थियों ने कहा कि जैसे देश में हर भाषा को सम्मान देकर उसे सूचीबद्ध किए गए हैं उसी तरह से अंगिका भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ा जाय। भागलपुर जिला के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड में उद्घोषणा का कार्य अंगिका भाषा में भी किये जाने, अंगिका भाषा से नौकरी दिये जाने, विश्वविद्यालय में अंगिका पर विशेष कार्य जल्द से जल्द शुरू हो, अंगिका भाषा पर सिनेमा, टीवी सीरियल, वेब सीरीज बनाई जाय, अंगिका भाषा के लिए कभी साहित्यकार जैसे खास लोगों को पुरस्कृत की जाय, इसके विकास के लिए एक विशेष संस्थान बनाने पर जोड़ दिया जाय, जिससे यह फले फूले और आगे बढ़ सकें, जैसे कई मांगो को लेकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकार्यो ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद, अंगिका केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की भी बात को लेकर आवाज बुलंद करते हुए अंगिका को जल्द से जल्द दूसरी राज्य भाषा घोषित करने को लेकर भी अपनी मांग रखी है। इस मौके पर दर्जनों प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी रही थी।