Charchaa a Khas
ब्लैक फंगस के कारण लक्षण और इलाज
पटना। वर्तमान समय के घटते बढ़ते तापमान वाले मौसम का असर हमारे शरीर समेत हमारे चारो ओर मौजूद तमाम चीजो पर भी पड़ता है। ऐसे मौसम में गंदगी,मॉयस्चर या खाद्य पदार्थ के काफी दिनो तक बाहर रखे जाने पर फफूँदी जैसी चीज आ जाती है। आमतौर पर हमारे घर घरों में इसे काफी हल्के में लिया जाता है लेकिन अगर ये फंगस आपके आंख ,नाक और कान के संपर्क आ जाए तो आपके उस अंग को पूरी तरह से खराब कर सकता है और समय पर समुचित इलाज न होने पर ये साधारण सी दिखने वाली चीज़ आपकी जान तक ले सकती है।
उक्त बातें प्रख्यात आंख विशेषज्ञ डॉ डी एन अकेला ने कही है। डॉ अकेला कहते हैं आजकल लोग कोरोना महामारी के बाद ब्लैक फंगस से काफी डरे हुए हैं। लेकिन इससे डरने के बजाय परहेज से रहने पर बचा जा सकता है। बरसात के मौसम में इसका खतरा थोड़ा ज्यादा है क्योंकि,मौसम में बदलाव के कारण तापमान घटता बढ़ता रहता है और इस घटते बढ़ते तापमान में हम ध्यान नही देते लेकिन हमारे आस पास कई ऐसी चीज़े हैं जिसपे फफूँदी आ जाती हैं जो देखने मे तो सामान्य है लेकिन ये किसी की जान तक ले सकती है।
उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस में 5 E पर विशेष देना होगा। अर्ली कम्प्लेन, डॉक्टर से डायग्नोस्ट, अस्पताल में भर्ती, ट्रीटमेंट और रिकवरी ही उपाय है। इसका ट्रीटमेंट सिविलिटी पर ही निर्भर करता है। खास कर उन लोगों को जिनका कोई मेडिकल हिस्ट्री हो, या सुगर पेशेंट, या बीपी के पेशेंट हो और जिनका ऑटो इम्यून सिस्टम कमजोर हो उनमें फंगल इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है। फंगल इंफेक्शन जिस कलर का होता है, उसे उस नाम से जानते हैं। जैसे कि ब्लैक इंफेक्शन को ब्लैक फंगस कहते हैं।
इसमें अगर समय रहते उपचार नहीं किया गया, तो सिविलिटी मस्तिष्क तक पहुंच सकती है और आदमी की जान भी जा सकती है। अगर यह आंख तक रहता है तो आंख निकाल कर ही मरीज को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। समय समय पर हाथ धोना और पुरानी व बासी खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना । साथ ही इसमें वेरिकोमजोल दवाई जो एन्टी फंगल है, वो कारगर है।