ईडी ने एनजीटी में दाखिल किया हलफनामा

ईडी ने एनजीटी में दाखिल किया हलफनामा

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पंकज मिश्रा को बताया किंगपिंन

एक हज़ार करोड़ से अधिक के अवैध खनन की पुष्टि

हलफनामा में आलमगीर आलम मंत्री के नाम का भी उल्लेख

दाहु यादव, कृष्णा साहा, टिंकल भगत, सुनील यादव, भगवान भगत, बच्चु यादव का नाम है शामिल

बीते दिनों प्रदुषण बोर्ड दाखिल कर चुका है पांच सौ पेज में जवाबी हलफनामा

ईडी के हलफनामा से मचा कोहराम

अगली सुनवाई 13 मई को

साहिबगंज झारखंड (संवाददाता)। जिले के एतिहासिक राजमहल पहाड़ के संरक्षण व संवर्धन हेतु व जिले में संचालित सभी अवैध खनन व स्टोन क्रशर को बंद करने को लेकर जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पूर्वी जोन कोलकाता में दायर याचिका संख्या-23/2017 में आखिरकार लंबे इंतजार के बाद प्रर्वतन निदेशालय ईडी के रांची जोन के सहायक निदेशक देव्रत झा ने एनजीटी में शपथ पत्र दाखिल कर ईडी की ओर से जवाब दाखिल कर ही दिया। जिससे पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारियों समेत पत्थर कारोबारियों व माफियाओं में हड़कंप मच गया है। ईडी ने हलफनामा में बताया की जिले के बरहरवा थाना में पुर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा व झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के ख़िलाफ़ दर्ज कांड संख्या-85/2020 को इसीआईआर में परिवर्तित करते हुए ईडी ने जांच शुरू की तो जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन व परिवहन को पकड़ा और इस अवैध खनन व परिवहन का किंगपिंन पंकज मिश्रा को बताते हुए राजनीतिक संरक्षण के माध्यम से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पंकज मिश्रा संचालित करता था और गिरफ्तारी के डर से फरार राजेश यादव उर्फ दाहु यादव, सुनील यादव, बच्चु यादव व अन्य को पंकज मिश्रा का सहयोगी चिन्हित करते हुए इनके द्वारा सड़कों, रेलवे और अंतर्देशीय मालवाहक जहाजों के माध्यम से चोरी किए गए खनिजों के अवैध परिवहन के संचालन की जानकारी ईडी ने एनजीटी को दी है। ईडी ने हलफनामा में बताया कि पंकज मिश्रा स्थानिय अपरधियों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया था। जिसका इस्तेमाल पंकज मिश्रा भारी लेवी की वसूली, धमकी देने व अवैध खनन व परिवहन गतिविधियों को संचालित करने का काम करता था। यहाँ तक की स्थानांतरण पदस्थापना पर भी नियंत्रण कायम कर रखा था। ईडी ने आठ जुलाई 2022 को पंकज मिश्रा और उनके सहयोगीयों के परिसरों की तलाशी ली तो पांच करोड़ नगदी जब्त की और पंद्रह करोड़ के बैंक बैलेंस को फ्रीज किया गया। 25 जुलाई से लेकर 29 जुलाई 2022 तक ईडी ने कई संबंधित राज्य के अधिकारियों/कर्मचारियों की टीम द्वारा खदानों का संयुक्त सत्यापन और सर्वेक्षण किया गया। संयुक्त निरीक्षण में विशाल क्षेत्र में फैले अवैध खनन और उनके अवैध परिवहन की पुष्टि हुई। रेलवे, सड़कों और अंतर्देशीय मालवाहक जहाजों के माध्यम से आज तक 1000 करोड रुपए से अधिक का अवैध खनन हो चुका है और जो अभी भी जारी रहने की जानकारी ईडी ने एनजीटी को दी है। अवैध खनन के गतिविधियों के परिणाम स्वरुप भूमि और वन क्षेत्र का अनाच्छादन हुआ है। जिससे पर्यावरणीय और पारिस्थितिक क्षति हुई है। जिसका सटीक मात्रा का पता नहीं चल पाया है। अवैध खनन से मिट्टी का कटाव, मिट्टी का अपवाह, भूमि का बांझपन, जलजमाव, पहाड़ी क्षेत्र का समतल होने की पुष्टि करते हुए ईडी ने इसकी जानकारी एनजीटी को दी है। 27 जुलाई 2022 को ईडी ने स्थल जांच में पंकज मिश्रा के द्वारा 3.18 एकड़ क्षेत्र पर व पंकज मिश्रा के सहयोगी कृष्णा कुमार साहा को 12.60 एकड़ क्षेत्र पर व टिंकल भगत को मौजा भुतहा के प्लाट नंबर 76,77 पर अवैध खनन करने की जानकारी एनजीटी को दी है। इसी प्रकार ईडी ने पंकज मिश्रा के एक अन्य सहयोगी भगवान भगत के द्वारा भी 7.8 एकड़ क्षेत्र पर अवैध खनन की जानकारी ईडी ने एनजीटी को दी है। ईडी ने एनजीटी को ये भी जानकारी दी है कि बीते दो वर्षों में बड़ी संख्या में रेलवे रेक से स्टोन चिप्स बिना माईंनिंग चालानों के परिवहन किया गया है। ईडी ने एनजीटी को जानकारी देते हुए बताया है कि अवैध खनन गतिविधियों से प्राप्त आय को पंकज मिश्रा अपने सहयोगियों की खातों के माध्यम से सफेद करके बेदाग संपत्ति के रूप में पेश किया गया है। इस मामले में पंकज मिश्रा को सरगना बताते हुए अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार करने की जानकारी ईडी ने एनजीटी को दी है। ईडी ने धन संशोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत आगे जांच जारी रहने की जानकारी एनजीटी को दी है। ईडी द्वारा एनजीटी में दाखिल हलफनामा से पता चलता है कि अभी कई पत्थर कारोबारी व माफियाओं समेत पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारियों सहित कई राजनीतिज्ञ ईडी के राडार पर चल रहे हैं और कभी भी ईडी की गाज किसी पर भी गिर सकती है। ईडी के इस हलफनामा से झारखंड राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बीत दिनों एनजीटी में करीब पांच सौ पन्ने में दाखिल जवाबी हलफनामा को भी झुठलाता है। इधर याचिकाकर्ता अरशद नसर ने बताया कि ईडी व झारखंड प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दाखिल हलफनामा का अध्ययन किया जा रहा है, इसके बाद मेरी ओर से एनजीटी में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाएगा। ईडी व झारखंड प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनजीटी में दाखिल जवाबी हलफनामा व अरशद द्वारा इसका जवाब दाखिल करने की घोषणा से पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारियों समेत पत्थर कारोबारियों माफियाओं समेत कई राजनीतिज्ञों के पसीने छुटने लगे हैं। इस मामले की अगली सुनवाई एनजीटी में 13 मई को होगी।

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