विश्व अहिंसा दिवस पर दर्जनों सफाई कर्मी को कुलपति ने किया सम्मानित

विश्व अहिंसा दिवस पर दर्जनों सफाई कर्मी को कुलपति ने किया सम्मानित

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ब्यूरो प्रमुख (कुंदन राज)।
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर के स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग में गांधी जयंती, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर सर्वप्रथम गांधी प्रतिमा एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद कुलपति द्वारा वृक्षारोपण किया गया।


इस अवसर पर विभागाध्यक्ष और विभाग के सहायक प्राध्यापकों द्वारा आगंतुक अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कुलपति द्वारा सफाई कर्मचारियों रवि हरि, अशोक हरि, विनय पासवान, नटवर हरि, सुमन कुमार पासवान, मिंटू हरि, बड़कू हरिजन, गीता देवी, उर्मिला देवी, सुनील कुमार को अंग वस्त्र और पुष्प भेंट कर सम्मान किया गया।


तत्पश्चात स्वराज कक्ष में आयोजित संगोष्ठी जिसका विषय “वर्तमान सामाजिक , आर्थिक एवं राजनीतिक परिदृश्य और गांधी” का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर डॉ.जवाहरलाल ने किया।

विभाग के अध्यक्ष डॉ अमित रंजन सिंह ने आज की संगोष्ठी में आगत अतिथियों का स्वागत कर विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि आज देश और दुनिया में समाज, अर्थतंत्र और राजनीतिक स्तर पर जो परिस्थितियां पैदा हो रही है वह आने वाले समय के लिए घातक है ऐसे में गांधी के बताए रास्ते समस्त मानव समाज के लिए मानवता को जिंदा रखने के लिए एक मात्र विकल्प है l


इस अवसर पर माननीय कुलपति ने कहा कि अगर हमें आगे बढ़ाना है तो अपनी सोच को बदलना होगा, गांधी का सबसे बड़ा विचार था कि स्वच्छता ही सेवा है, स्वच्छ समाज स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं तो गांधी के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक विचारों को आत्मसात करना होगा इससे सच्चा स्वराज स्थापित किया जा सकता है। जिससे विकसित भारत के निर्माण की कल्पना साकार हो सकती है। इस अवसर पर कुलपति ने विभाग में पद्मश्री राम जी सिंह लेक्चर सीरीज आरंभ करने का सुझाव दिया।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफेसर मनोज कुमार पूर्व कुलपति महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा ने कहा कि आज के दिन गांधी की अहिंसा दृष्टि को समझना और उसे आत्मसात करने की जरूरत है गांधी हमें यह सीखते हैं कि हमें वास्तविकता से रूबरू होना पड़ेगा। 1944 में गांधी ने कहा था कि गांधी अपने जन्मदिन को चरखा दिवस के रूप में मनाना पसंद करते थे।

प्रोफेसर परमानंद सिंह पूर्व विभागाध्यक्ष स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने कहा कि गांधी का इकोनामिक मॉडल आज भी प्रासंगिक है यह इकोनामिक मॉडल पूरी दुनिया को दिशा दे रहा है।


डॉ. जगदीश प्रसाद विभागध्यक्ष राजनीतिक विज्ञान विभाग तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर ने कहा कि गांधी मानव सेवा के लिए राजनीति में आए और वे राजनीति आध्यात्मिकरण चाहते थे।
प्रोफेसर फारूक अली पूर्व कुलपति जेपी विश्वविद्यालय छपरा ने कहा कि गांधी दुनिया में इसलिए लोकप्रिय हुए क्योंकि वह आम लोग से जुड़े और आम लोग की भाषा और पहनावा को अपनाया। आज सामाजिक परिदृश्य बदल रहा है इस बदलते परिदृश्य में सकारात्मक होना चाहिए नकारात्मक नहीं। गांधी के हिंद स्वराज में पूरे देश की पॉलिसी शामिल है।


कार्यक्रम में स्वागत गान सरस्वती कुमारी और छात्राओं द्वारा समूह गान से अतिथियों का स्वागत किया गया। वहीं सरस्वती कुमारी द्वारा गांधी भजन की प्रस्तुति की गई।

मंच संचालन विभाग के सहायक अध्यापक उमेश प्रसाद नीरज ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विभाग के शिक्षक श्री गौतम कुमार ने किया।

इस मौके में विभाग के सहायक अध्यापक डॉ. उमेश प्रसाद नीरज, श्री गौतम कुमार, श्री मनोज कुमार दास,डॉ. देशराज वर्मा, डॉ. सीमा कुमारी, विभिन्न विभागों से डॉ. विवेक हिंद राजनीतिक विज्ञान विभाग, जे आर एफ नरेन नवनीत, शोधार्थी मुकेश कुमार पासवान, अर्पण श्रीवास्तव, वर्षा रानी, पुष्पा कुमारी, छात्र-छात्राएं , प्रिंस कुमार, गौरव कुमार मिश्रा, टार्जन टाइगर, सरस्वती कुमारी, रीना कुमारी, रूपेश कुमार, बाल्मीकि कुमार, शमा परवीन, आराध्या सिंह, अलकुमा युनुस, सुलोचना कुमारी, प्रियांशु कुमारी एवं विभागीय कर्मचारी उमेश कुमार, रामचंद्र रविदास आदि मौजूद थे।

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