Charchaa a Khas
अगली सुनवाई 24 मई को
साहिबगंज, झारखंड (संवाददाता)। जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर द्वारा गंगा नदी को प्रदुषित होने से बचाने व जलीय जीव जंतू, संरक्षित डॉल्फिन को बचाने व संवर्धन हेतु एनजीटी ईस्टर्न जोन कोलकाता में दायर याचिका संख्या-162/2023 की गुरूवार को पीठ के न्यायिक सदस्य जस्टिस बी.अमित स्टालेकर व एक्सपर्ट मेंबर डा.अरूण कुमार वर्मा ने कि सुनवाई। इस दौरान कोर्ट ने अपने पुर्व के आदेश की समीक्षा करते हुए कहा की झारखंड राज्य प्रदुषण बोर्ड के सदस्य सचिव यतींद्र कुमार दास द्वारा कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामा पर कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमिटी उपायुक्त, केंद्रीय प्रदुषण बोर्ड नई दिल्ली, झारखंड राज्य प्रदुषण बोर्ड द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट से कोर्ट संतुष्ट नहीं है, इसलिए कमिटी को कोर्ट ने आदेश दिया था की जिले के सभी गंगा घाटों का स्थलीय निरिक्षण कर अगली सुनवाई तिथि 16 अप्रैल तक कमिटी कोर्ट में रिपोर्ट पेश करे। सुनवाई के दौरान कमिटी द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बदले रिपोर्ट पेश करने के लिए और चार सप्ताह का समय देने का आग्रह किया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जी.के.इंटरप्राइजेज मालदा व मां तारा कंस्ट्रक्शन कंपनी मुजफ्फरपुर के द्वारा जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह देने का आग्रह किया कोर्ट ने इसे भी स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने डायरेक्टर क्लीन गंगा मिशन नई दिल्ली साहिबगंज के डीसी, डीटीओ व कायर्पालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कटिहार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। सुनवाई में याचिककर्ता अरशद नसर भी उपस्थित थे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी।