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बिहार के सबसे बड़े घोटाले का मास्टर माइंड को पुलिस व सीबीआई खोजने में विफल
भागलपुर ब्यूरो (कुंदन राज)
भागलपुर। बिहार के सबसे बड़े उन्नीस सौ करोड़ के सृजन घोटाले में अबतक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें सलाखों के पीछे कई बैंक अफसर से लेकर किरानी विचाराधीन बंदी हैं। बहुचर्चित सृजन घोटाले में सीबीआई लगातार शिकंजा कसती जा रही है। सृजन घोटाले के सबसे बड़े किंगपिन स्वर्गीय मनोरमा देवी के निधन के बाद उनके आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की संपत्ति पर अधिकृत सह नीलामी के तहत न्यायायल द्वारा जारी किए इश्तेहार को चस्पां कर दिया गया है। गौरतलब हो कि अमित कुमार और रजनी प्रिया दोनों को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर सीबीआई ने उनके पुराने आवास तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी स्थित उनके तीन मकानों पर नोटिस चिपका दिया है।
*उन्नीस सौ करोड़ रुपए के बंदरबांट करने वालों पर सीबीआई कस रही है नकेल*
सीबीआई ने विगत 25 अगस्त 2017 को सृजन घोटाले की जांच शुरू की थी, जिसमें अभी तक दर्जनों बैंक के अधिकारी से लेकर कलर्क व किरानी अभी भी सलाखों के पीछे हैं, बता दें कि सृजन के खाते में ट्रांसफर की गई सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ था, इस घोटाले में तकरीबन 1900 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी, इस सृजन एनजीओ के तहत बहुत बड़ा घोटाला किया गया था। विकास के नाम पर भेजे गए पैसे को एनजीओ के अकाउंट में पहुंचाया गया था, साथ ही उनके जुड़े लेखा जोखा और कई जानकारी सिर्फ मृतिका मनोरमा देवी के पास ही थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद से ही फर्जी तरीके से संचालन जांच के दायरे में आया था। यूं कह सकते हैं कि सरकारी फंड का गलत तरीके से गरीबों, निसहाय, दलितों के नाम पर अवैध रूप से इस्तेमाल किया गया था। सृजन के पैसे को खपाने के लिए कई एनजीओ भी बनाए गए थे। अब सीबीआई सबों पर नकेल कस रही है।
अमित कुमार और रजनी प्रिया की संपित संपत्ति पर सीबीआई ने चिपकाए इश्तेहार
सीबीआई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि अभी धारा 82 के प्रोसिडिंग के तहत कार्य किया जा रहा है। सृजन घोटाले के मुख्य किंगपिन मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और उनकी बहू रजनी प्रिया है, दोनों के खिलाफ कोर्ट में बेरासी की प्रोसिडिंग है, दोनों के खिलाफ कोर्ट का ऑर्डर भी जारी हुआ है। उससे जुड़ी सभी चल अचल संपत्ति पर न्यायायल द्वारा नोटिस चिपस्पा दिया गया है, और पब्लिक से अपील भी की जा रही है कि इनके बारे में जो कोई भी जानकारी मिलती है उन्हें लोकल पुलिस या सीबीआई को तुरंत जानकारी दें, वहीं उन्होंने यह भी बताया कि फिर भी वह लोग कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो धारा 83 की प्रोसिडिंग के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।