Charchaa a Khas
किसानों ने अपने परिवार के विकास को लेकर किया चचरी पुल का निर्माण
-आजादी के बाद से ही विकास से वंचित है दर्जनों गांव के सैकड़ों परिवार
–तीन लाख की लागत से बने इस चचरी पुल निर्माण में 600 बांस के सहारे 400 फीट लंबाई के दो चचरी पुल का किया निर्माण
शुभम कुमार झा
नाथनगर (भागलपुर)। राज्य सरकार अपने फंड से गांवों की तस्वीर बदलने में लगी है। हर जिले व कस्बों की हर गली मोहल्ले व नाला पुलिया के निर्माण पर अरबों खर्च कर रही है। एक प्रखंड से दूसरे प्रखण्ड को जोड़ने की कवायद में लगी है। ताकि विकास की रोशनी से मरहूम यहां के लोगों को विकास की रोशनी से नहाया जा सके। इस विकास से अपनी सरकार की उपलब्धि लोगों को गिना सकें। ताकि चुनाव के समय इस कार्य के बहाने बैतरणी पार कर सके। सरकार के हर कामों के पीछे एक ही उद्देश्य है आम जनता को विकास से जोड़ना। लेकिन नाथनगर प्रखंड के दियारा क्षेत्र के लोगों की दास्तां सरकार तक नहीं पहुंच रही है और यदि पहुंच भी रही होगी तो इन क्षेत्र के विकास का निवाला अधिकारियों व कर्मचारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों का निवाला बन जा रहा है।
स्थानीय लोग विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं, दर्द ऐसी है की बता भी नहीं पा रहे हैं कि दर्द आखिर किधर-किधर है। आजादी के बाद से आज तक यहां के लोग एक मसीहा को तलाश रहे हैं। लेकिन सरकार जिस मसीहा को इसके लिए लगाए हैं वो सही मसीहा निकल विकास से आंख मिचौली कर रहे हैं। बस, वर्षों से विकास की वाट जोह रहे यहां के लोग अपनी दास्तां को बयां करने से भी परहेज़ करने लगे हैं।
नाथनगर दियारा इलाके के दर्जनों परिवार यहां की समस्या से निजात पाने के लिए अपनी खून पसीने के पैसे अपने परिवार व बच्चों के अच्छे जीवन यापन पर खर्च न कर समाज के विकासात्मक पिछड़ेपन को दूर करने पर करने लगे हैं। लोग यहां के परिवार के निजी सहयोग से किये जा रहे विकासात्मक कार्यों की सराहना तो कर रहे हैं लेकिन उनके दर्द को नहीं पूछ रहे हैं जिससे यहां के परिवार और ज्यादा व्यथित हो रहे हैं।
यहां के लोग सरकार को आइना दिखाते हुए अपने चंदे के पैसे से बांस की चचरी के पुल बना दिये। यह कार्य आसपास के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन स्थानीय प्रशासन के लोग यहां आकर लोगों को ढांढस भी बंधाने नहीं आ पा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन के इस उदासीनता से यहां के लोग कितने पीड़ित होंगे, इनके मन में सरकार व प्रशासन के प्रति कैसी सोच उभर रही है सहज ही समझ सकते हैं।
अब बात शुरू होती है नाथनगर प्रखंड के शंकरपुर पंचायत का।यह ऐसा पंचायत है जहां विकास रो रहा है। यहां के दर्जनों किसानों ने मिलकर जमुनिया नदी पर बांस के दो चचरी पुल बनाकर सरकार, जिला प्रशासन और सांसद विधायक को आइना दिखाने का काम किया है। मामले को लेकर इलाके के लोगों ने बताया कि शंकरपुर पंचायत के ग्रामीणों ने चंदा करके पुल बनाया है। जिससे किसानों को भागलपुर मुख्यालय जाने में आसानी होगी साथ ही लोगों को स्कूल, अस्पताल व अन्य कार्य करने में सुविधा मिलेगी। ग्रामीणों ने बताया कि अगर स्थानी सांसद व विधायक ध्यान देते तो शायद गांव का शैक्षणिक, रोजगार, स्वास्थ्य व आर्थिक विकास से हमलोगों को वंचित नहीं रहना पड़ता। ग्रामीणों ने अपने बच्चों व परिवार के बेहतर विकास की मार्ग से जोड़ने के लिए दो बांस के चचरी पुल का सहारा लेना नही पड़ता। वहीं उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में चुनाव के दौरान ही जनप्रतिनिधियों व स्थानीय सांसद व विधायक सिर्फ वोट मांगने आते हैं, उसके बाद एक बार भी उक्त गांव व इलाके के लोगों की तरफ मुड़ कर नही देखते है।
ग्रामीण सुरेश महतो बताते हैं कि तीन लाख की लागत से बने इस चचरी पुल में 600 बांस के सहारे 400 फीट के दो चचरी पुल में लगाकर निर्माण किया गया है।
पुल निर्माण कराने में करीब 15 दिन का समय लग गया और हमलोग जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आए दिन उक्त नदी पर पुल निर्माण की मांग करते – करते थक गये थे लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आगामी चुनाव में उतरने वाले नेताओं को ग्रामीण गोलबंद हो सबक सिखाने की बात कहने लगे है।
*पुल बनने से इस गांव के किसानों को मिल रहा फायदा,
मामले को लेकर दिलदारपुर बिंद टोला के निवासी सुनील कुमार, किसान वकील यादव, हीरा लाल मंडल, कैलाश महतो व विनोद महतो के अलावा कई किसानों ने बताया कि हम किसान हैं और किसान के बारे में सभी लोगों के साथ- साथ हर कोई मीडिया में कहते हैं ये कर दिए व वो कर दिए लेकिन आज तक शंकरपुर पंचायत में कुछ भी विकास नहीं हुआ है। हम लोग किसान परिवार से हैं लेकिन मेरी दर्द को जानने के लिए भागलपुर के सांसद और विधायक कभी इस पंचायत की ओर ध्यान नहीं दिये इस कारण आज हम ग्रामीण इलाकों के दर्जनों किसान को विकास की सुविधा से वंचित कर तमाशबीन बन ढोकली घोषणा के आश्वासन देते रहे हैं। वहीं उन्होंने अपनी पीड़ा को बताने के साथ कहा कि हमलोगों की मेहनत व कड़ी लगन से परिवार के लिए चंदा करके पुल का निर्माण किये हैं। इस पुल के निर्माण होने से दियारा क्षेत्रों में आसपास के दस गांव के किसानों को इसका फायदा मिल रहा है। इस चचरी पुल से लाभान्वित होने वाले गांवों में शंकरपुर, दारापुर, बालू टोला, दिलदारपुर, बिंद टोला, मोहनपुर दियारा, रसीदपुर दियारा,बण्डाल, बैरिया, अजमैरिपुर शामिल हैं। इन सभी गांव के हजारों किसान इस पुल से आवागमन कर रहे है इतना ही नहीं सरकारी सेवक भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं।