Charchaa a Khas
भागलपुर ब्यूरो।
भागलपुर। एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान आईएमए सदस्यों ने चिकित्सा पद्धति के नये बदलाव के साथ साथ कैंसर जैसी भयावह स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि इस समय कैंसर भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चिंता बनकर उभर रहा है, जहां हर साल लगभग 13 लाख नये मरीज कैंसर से पीडि़त पाये जाते हैं। इनमें लगभग 8 लाख हर साल मौत के मुंह में समा जाते हैं। भारत में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर रोगों में स्तन कैंसर, मुख का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर और फेफड़ों का कैंसर सम्मलित है।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रसिध्द कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक आनंद आईएमए भागलपुर के प्रांगण में नारायणा कैंसर सेंटर पटना, आईएमए भागलपुर और आनंद केयर फाऊंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भागलपुर के डॉक्टरों को सम्बोधित करते हुए डॉ. अभिषेक आनंद ने (प्रीसिजन मेडिसिन द फ्यूचर ऑफ ऑन्कोलॉजी) विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि “कैंसर के इलाज में प्रीसिजन थेरेपी या प्रीसिजन मेडिसिन कभी चर्चा का विषय रही थी, लेकिन यह अंतत: ओन्कोलोजी विज्ञान में हालिया प्रगति के साथ एक वास्तविकता बन रहा है, जो कैंसर रोगी के लिये बहुत लाभप्रद है। सभी तरह के कैंसर के ईलाज में प्रीसिजन थेरेपी काफी कारगर है । अगर शुरुआती दौर में कैंसर का पता चल जाये और ईलाज शूरू कर दिया जाये तो इससे बचा जा सकता है। ईलाज की नई पद्धति टारगेटेड थेरैपी और इम्यूनो थेरैपी के माध्यम से अर्ली स्टेज और ऐडवांस स्टेज के मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जो काफ़ी कारगर साबित हो रहा है। अच्छी बात यह है कि अब इलाज पहले से ज्यादा सटीक, आसान और सस्ता हो गया है।
वही खाने पीने की आदतों के बदलाव के बारे में बताते हुये डॉक्टर अभिषेक आनंद ने कहा कि ताज़े फलों का सेवन करें और जंक फूड, डिब्बाबंद खाना, जेनिटकली मोडिफाईड फूड, कोल्ड ड्रिंक से परहेज करे। डॉ. अभिषेक आनंद ने कैंसर के कुछ प्रमुख कारण भी बताये, जैसे –