Charchaa a Khas
चारो ओर शौर दे रहा है सुनाई ,
आज हिंदी दिवस है भाई ।
आज हिंदी दिवस है भाई ।।
परंतु क्या हिंदी के लिए
एक दिन ही काफी है ?
यह तो इसके साथ
सरासर ना इंसाफी है ।
हिंदी से ही हमारी संस्कृति
विकास करती है,
यह भाईचारे और सौहार्द्र में
विस्वास करती है ।
हिंदी जो कहती हैं
वहीं लिखती हैं,
यह कमी इंग्लिश में
जहां तहां मिलती हैं ।
देश वासी आज अंग्रेजी
सीखने को झगड़ रहे हैं,
इसलिए ही वे हिंदी
में पिछड़ रहे हैं ।
हिंदी हिन्द में ही आज
वनवासी सी घूम रही है ,
इसकी सौतन इंग्लिश
हमारे साथ मस्ती में झूम रही है ।
हिंदी में ही देश का स्वाभिमान है ,
इसी से जिंदा हमारा हिंदुस्तान है ।
आओ एक अलख हर घर में जगाए ,
क्यों न हिंदी दिवस हर रोज मनाए ।
🌷रमाकांत सहल🌷
छावसरी झुंझुनूं राजस्थान
( R.K.Sharma )