Charchaa a Khas
74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर बोले टीएमबीयू के कुलपति :विश्वविद्यालय को समाज से जोड़ने के साथ-साथ परीक्षा और परिणाम समय पर होंगे जारी।
समेकित सहयोग और सामूहिक टीम वर्क से टीएमबीयू को दिलाएंगे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय ख्याति : कुलपति प्रो. जवाहर लाल।
आर के सिंह (विशेष संवाददाता)।
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने गुरुवार को 74वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन परिसर में झंडोत्तोलन कर एनसीसी कैडेटों के परेड की सलामी ली।
झंडोत्तोलन के पूर्व कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी तिलकामांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।एनसीसी कैडेटों ने वीसी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया।गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा और सशक्त लोकतंत्र के साथ-साथ एक मजबूत गणतंत्र यानी गणराज्य भी है।
अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय संविधान की विशेषताओं और उद्देश्यों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। वीसी ने कहा कि भारत की सभ्यता और संस्कृति काफी अनोखी और निराली है। भारत विविधताओं से परिपूर्ण देश है। अनेकता में एकता ही हमारी विशिष्ट पहचान है। वीसी प्रो. लाल ने कहा कि विश्वविद्यालय का सत्र नियमित करने की दिशा में वे ठोस पहल कर रहे हैं। परीक्षा और परिणाम को तय समय सीमा के भीतर संचालित और जारी करने को लेकर वे कृतसंकल्पित हैं। यदि सबों का सामूहिक सहयोग इसी तरह से मिलता रहा तो वे टीएमबीयू को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाएंगे। शिक्षण, शोध और नवाचार पर जोर देते हुए कुलपति ने कहा कि एनईपी-2020 के लक्ष्यों को टीएमबीयू में साकार और मूर्त रूप देने की दिशा में वे प्रयास शुरू कर दिए हैं। विश्वविद्यालय में परम्परागत कोर्सों के अलावा वोकेशनल और स्किल बेस्ड रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शुरुआत कराने को लेकर वे तत्पर हैं। इन कोर्सों में मुख्य रूप से स्नातक स्तर पर गांधियन थॉट, अंगिका के अलावा बैचलर इन फिजियोथेरेपी (बीपीटी), नर्सिंग, फैशन डिजाइनिंग, एम.एड., मानवाधिकार, साइबर लॉ, फिजिकल एडुकेशन सहित दर्जनों डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शामिल हैं। इन कोर्सों को शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण कमिटियों और निकायों से प्रस्ताव पारित भी किया जा चुका है। कुलपति ने अपने करीब चालीस मिनट के भाषण में विश्वविद्यालय के विकास सहित शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के हितों को लेकर किये जा रहे प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के चतुर्दिक विकास को लेकर वे कटिबद्ध हैं। ठोस रोडमैप और वर्क प्लान के तहत विश्वविद्यालय का समग्र विकास किया जाएगा। रूसा सहित कई सरकारी योजनाओं से विश्वविद्यालय का कायाकल्प किया जाएगा। महिला और पुरूष छात्रावासों की स्थिति को बेहतर बनाया जाएगा। छात्र संघ चुनाव जल्द कराए जाएंगे ताकि छात्रों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके। विश्वविद्यालय के विकास के लिए छात्र संघ का प्रतिनिधित्व सभी जरूरी निकायों में दिया जाएगा। ताकि छात्र संघ अपनी बातों और समस्याओं को मजबूती के साथ रख सकें। उन्होंने कहा कि छात्र विश्वविद्यालय के प्रथम स्टेक होल्डर्स होते हैं। विश्वविद्यालय पर पहला अधिकार छात्रों का ही है। छात्रों से ही विश्वविद्यालय है। इसलिए छात्रों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय और कॉलेजों का नैक से मूल्यांकन कराकर अच्छी ग्रेडिंग दिलायी जाएगी। लाइब्रेरी और लैबों की स्थिति सुदृढ की जाएगी। परिसर अतिक्रमण मुक्त होगा। कुलपति ने राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली और राजभवन की योजना हर परिसर-हरा परिसर की सराहना करते हुए कहा कि वे भी टीएमबीयू के सभी कैम्पसों में इन योजनाओं को लागू करने के लिए पहल शुरू कर दिए हैं। वीसी ने कहा कि बर्थडे-प्लांट बैंक योजना के माध्यम से विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के परिसर में छात्र, शिक्षक व कर्मी अपने-अपने जन्मदिन के अवसर पर कम से कम एक छायादार या फलदार पौधा जरूर लगाएं। साथ ही लगाए गए पौधों की उचित देखभाल भी करें। इससे प्रकृति-पर्यावरण सुरक्षित बना रहेगा। अधिकाधिक संख्या में वृक्षारोपण से जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों को कम करने में भी सहायता मिलेगी। इस योजना के क्रियान्वयन से टीएमबीयू का हर परिसर हरा-भरा बनेगा। कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा कि अनुसंधान के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक और कर्मचारी ईमानदारी पूर्वक अपने संस्थान के प्रति समर्पित भाव से काम करें। टीएमबीयू गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नजीर बनेगा। इस विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मी और छात्र एक परिवार की तरह हैं। शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकार और प्रतिबद्धता बेहद जरूरी है। शिक्षक पठन-पाठन के साथ शोध कार्यों को प्राथमिकता दें। देश और समाज की बेहतरी के लिए गुणवत्तापूर्ण और मौलिक शोध कार्यों को बढ़ावा दें। शिक्षक और शोधार्थी अपने क्वालिटी बेस्ड शोध कार्यों से अपनी पहचान बनाएं। उन्होंने शोध कार्यों की रिपोर्ट केन्द्र और राज्य सरकार सहित यूजीसी व अन्य शैक्षिक आयोगों को भेजने के लिए भी प्रेरित किया। वीसी ने कहा कि टीएमबीयू देश और विदेश के शीर्ष संस्थानों के साथ एमओयू करेगा। मौके पर कुलपति ने भारत की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका और उनके बलिदान को याद किया। मौके पर कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मियों और छात्र-छात्राओं को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं भी दी। पीजी म्यूजिक विभाग की छात्राओं ने सामूहिक रूप से राष्ट्रगान में सहयोग किया। इस अवसर पर टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार, रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ योगेन्द्र, एनएसएस कॉआर्डिनेटर डॉ अनिरुद्ध कुमार, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर सहित विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे। इसके पूर्व कुलपति ने अपने लालबाग स्थित आवासीय कार्यालय में भी झंडोत्तोलन किया। जबकि प्रोवीसी ने ओल्ड पीजी कैम्पस (दिनकर भवन) में तथा कुलसचिव डॉ गिरिजेश नंदन कुमार ने विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन किया।