Charchaa a Khas
मिहिजाम(प. बंगाल) संवाददाता। मिहिजाम निवासी शत्रुघ्न तिवारी को गजब का योद्धा की संज्ञा देते हुए वरिष्ठ रचनाकार व समाजसेवी पारो शैवलिनी ने बताया कि शनिवार की देर शाम अपने मुंबई के खार स्थित निवास पर 65 वर्षीय तिवारी दा ने अंतिम सांस ली। चिरेका के स्टील फाउण्ड्री से रेल की नौकरी को त्याग कर अपनी संगीत पिपासा को पूरा करने तिवारी दा 1977 में मुंबई जा बसे। उन्होंने बताया अपनी जिद्द को पूरा करने के लिए हमेशा पागल की हद तक काम करते थे। मुंबई में तिवारी दा ने मेलोडी नाम से वन मैन प्लेटफॉर्म तैयार कर शानू, अनुराधा पौडवाल, भजन सम्राट अनूप जलोटा, भूपेंद्र जैसे नामचीन हस्तियों को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में 350 से भी अधिक स्टेज परफार्मेंस दे चुके हैं। 80 के दशक में तिवारी संगीतकार अन्नू मल्लिक तथा नदीम श्रवण के साथ कई हिंदी सिनेमा में सहायक के रूप में काम किया।
आगे बताते हुए शैवलिनी ने कहा कि शत्रुघ्न तिवारी ने अपनी संगीत यात्रा चित्तरंजन के सिमफाॅनी ऑर्केस्ट्रा से शूरू किया जहां वो अंग्रेजी वाद्ययंत्र सेक्सोफोन बजाया करते थे।उसी ग्रूप की गायिका दर्पणा से विवाह किया। दुःख की बात है कि उन्हें कोई संतान नहीं है। पत्नी दर्पणा मुंबई में ही संगीत विद्यालय चलाती है। मिहिजाम में डाक्टर सिद्धार्थ द्वारा संचालित अनमोल म्यूजिक प्राईवेट कम्पनी के संचालन मैं शत्रुघ्न जी का विशेष सहयोग था। इनके अकस्मात् निधन से उनके संगीत मित्रों में सुनील बनर्जी, दौलत लाल, अमित कुमार चिंटू, स्वीटी सान्याल, गौरी देवी समेत तिवारी दा के शोक संत्पत परिवार के सदस्य भरत तिवारी, रिसभ तिवारी आदि ने उनकी आत्मा की शांति तथा पत्नी दर्पणा को शक्ति देने की कामना ईश्वर से की।