Charchaa a Khas
संवाददाता।
नाथनगर (भागलपुर)। चम्पा नगर के कर्ण गढ़ स्थित आयुर्वेदिक कॉलेज में दो दिवसीय पूर्ववर्ती छात्र मिलन सह विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ भगवान धनवंतरी के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। वही इस कार्यक्रम में आयुर्वेदिक कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं का स्वागत सह अभिनंदन बुके देकर सम्मानित किया। पूर्ववर्ती छात्र छात्राओं की सूची में दर्जनों छात्र छात्राओं ने बिहार के अलग-अलग जिलों से आयुर्वेदिक कॉलेज में अपना योगदान दे रहे हैं, या दे चुके हैं। वैसे छात्र-छात्राएं इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है। गौरतलब हो कि कार्यक्रम का आयोजन लोगों के बीच आयुर्वेद की महत्ता और प्रचार प्रसार के उद्देश्य के लिए किया गया था। वही इस संबंध में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय अस्पताल के प्राचार्य डॉ. चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि प्राचीन काल से आयुर्वेद का स्वर्णिम एवं गौरवशाली इतिहास रहा है। इस चिकित्सा पद्धति को हमारे ऋषि मुनियों के द्वारा शुरुआत की गई थी। आयुर्वेद के संबंध में अंग जनपद की भूमि हमेशा उन्नती के मुकाम पर अग्रसर रही है, आज के दौर में आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति विलुप्त होती जा रही है, जिसे आगे बढ़ाने की और इसकी महत्ता से लोगों को अवगत कराने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज का यह कार्यक्रम आयुर्वेद कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं के लिए किया गया। जिसमें आयुर्वेद को आगे बढ़ाने को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई। अंग जनपद की यह चंपा नगरी आदिकाल एवं पौराणिक काल से ही व्यापारिक, सांस्कृतिक, तांत्रिक, और चिकित्सा का उत्थान केंद्र रही है। आयुर्वेद को पुरातत्व सभ्यता और संस्कृति का महान केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। इस तरह का कार्यक्रम करना इस महाविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। वही इस कार्यक्रम में पूर्ववर्ती आयुर्वेद के डॉक्टर व छात्र छात्राएं व स्थानीय आयुर्वेद चिकित्सक शामिल हुए।