बेटे की रिहाई की मांग को लेकर अधिकारियों के दफ्तर का मां लगा रही है चक्कर

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निर्दोष है मेरा बेटा, उसे छोड़ दो : मां

भागलपुर ब्यूरो।
भागलपुर। विगत 2019 में हुई मोजाहिदपुर के अलीगंज इलाका स्थित स्थानीय इलाके के रहने वाली काजल नामक युवती के ऊपर एसिड अटेक मामले में पुलिस ने बिना जांच किए निर्दोष पर मामला दर्ज कर कई युवक को जेल भेज दिया था। उक्त घटना के बाद शहर के कुछ राजनीतिक पार्टी और कुछ संगठनों के द्वारा कातिलों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी। लिहाजा पुलिस ने आनन-फानन में निर्दोषों के विरुद्ध कार्रवाई कर दी गयी थी। उक्त मामले को लेकर निर्दोष युवकों के परिजनों ने मामले को लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये थे,
गिरफ्तार तथाकथित आरोपी रंजीत साह की मां का कहना है कि पुलिस ने बिना सत्यापन किये ही मेरे पुत्र के खिलाफ एक्शन ले करवाई कर दिया था । वही मामले को लेकर पीड़ित युवक मां अपने बेटे की रिहाई की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखित आवेदन देते हुए उक्त मामले की जांच सीबीआई द्वारा जांच कराये जाने की मांग की है। मामले को लेकर पीड़ित रंजीत साह का पूरा परिवार डीएम कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने लिखित आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग रखी है। वही मामले को लेकर रंजीत साह के भाई ने बताया कि पुलिस इस केस में अनुसंधान किए बगैर मीडिया के दबाव एवं सूचक के प्रभाव में आकर निर्दोष व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित कर अपना खानापूर्ति किया है। इस केस में मेरे भाई रंजीत साह को पुलिस ने विगत 15 अगस्त 2021 को घर से गिरफ्तार कर आरोप पत्र समर्पित किया था। इस केस में कई अनुसंधानकर्ता द्वारा राजनीतिक दबाव में आकर सही बातों को छुपाने का काम किया है। इस केस के अनुसंधानकर्ता मिथिलेश चौधरी तत्कालीन थाना अध्यक्ष बरगंज ने बगैर पीड़िता काजल कुमारी से मिले वह बयान लिए तथा इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी पीड़िता की मां पूनम देवी से बिना मिले ही उक्त बयान को दर्ज कर आरोप पत्र समर्पित किया था।
वही पीड़ित रंजीत साह के पूरे परिवार डीएम कार्यालय पहुंचे वहां पर उन्होंने प्रशासन के कार्यशैली पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव में आने की वजह से पुलिस ने निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने ढाई साल बाद रंजीत साह को उनके घर से दबोचा है। फिलहाल अभी वह जेल में बंद है। वही दूसरी तरफ पीड़ित के पूरे परिजन कभी मुख्यमंत्री को आवेदन दे रहे हैं तो कभी डीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। और अपने बेटे रिहाई की मांग को लेकर मां अपनी आंखों से आंसू बहा रही है। लिहाजा उसकी सुनने वाला कोई है ही नहीं। पीड़ित रंजीत साह के भाई ने प्रशासन और सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है। रंजीत साह के भाई ने बताया कि रंजीत इंग्लिश ऑनर्स से ग्रेजुएशन कंप्लीट कर चुका है इसके अलावा रेलवे में जॉइनिंग लेटर भी आ चुका है, लेकिन निर्दोष भाई अभी जेल में बंद है। पुलिस ने अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी लोगों को बिना जांच किए गलत रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित किया है।

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