मिरहट्टी पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालय जर्जर होने पर तीन सौ बच्चे का पठन पाठन बंद

मिरहट्टी पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालय जर्जर होने पर तीन सौ बच्चे का पठन पाठन बंद

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बच्चों के भविष्य को ध्यान में देखते हुए मुखिया ने लिया संज्ञान


यादव टोला के तीन सौ बच्चे का पठन पाठन बंद होने पर मुखिया
, सरपंच, वार्ड के अनुसंसा पर सामुदायिक भवन में हुई विद्यालय का पठन पाठन का कार्य शुरू,

संवाददाता
शाहकुंड (भागलपुर)। सुलतानगंज के मिरहट्टी पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालय में जर्जर भवन होने पर यादव टोला मिरहट्टी के तीन सौ बच्चे का पठन पाठन का कार्य बंद हो अधर में लटका हुआ है। वही विद्यालय के बच्चों का पठन पाठन को लेकर यादव टोला के वार्ड सदस्य गुंजन रंजन कुमार ने बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालय मिरहट्टी का भवन जर्जर होने पर हमारे यादव टोला के तीन सौ से अधिक बच्चे का पठन पाठन दो दिन से बंद है, जिसे ग्रामीणों के अनुसंसा पर मुखिया अशौक यादव एंव सरपंच सुबोध कुमार के द्वारा उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रार्चाय दयानंद कुमार से मुलाकात करते हुए उक्त विद्यालय भवन कार्य सहित बच्चों के पठन पाठन को लेकर स्थानांतरित कर यादव टोला के समुदायीक भवन में स्थापित कर दिया गया है। जहां पर विद्यालय केसभी तीन सौ बच्चे का पठन पाठन शुरू कराया गया है। इस दौरान उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रार्चाय दयानंद कुमार ने बताया कि स्कूल का भवन जर्जर है,जिसे जिला एसडीएम के आदेश पर जर्जर भवन में बच्चे पठन पाठन बंद किया गया था। वही स्थानीय मुखिया अशौक यादव के द्वारा बातचीत कर विद्यालय के संचालन हेतू स्थानीय इलाके के सामुदायिक भवन में स्थानांतरित कर विद्यालय के सभी बच्चे के उज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए बच्चों के पठन पाठन का कार्य यादव टोला के सामुदायिक भवन में शुरु कराया गया है। जिससे बच्चे का पठन पाठन बाधित न हो सके, साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यालय का भवन इतना जर्जर होने पर बांस ब्रेकिंग किया गया है, जिससे विद्यालय छतिग्रस्त होने पर किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार न हो जाय, लेकिन जर्जर भवन के दो कमरे में बच्चे का पठन पाठन संचालन किया जा रहा है, उक्त सवाल पर कहा कि एक से आठ तक के तेरह सौ बच्चे हैं, और नौ से दस तक 350 बच्चे हैं, कुल 1650 बच्चे नामांकित है वही उन बच्चों के पठन पाठन को लेकर कुल दस शिक्षक पद स्थापित है। उक्त विद्यालय में 5 कमरा सही है, जिसमें 7 कमरा पुर्णतः जर्जर होने की स्थिति में विद्यालय में जगह नहीं रहने पर उसी जर्जर कमरा में पठन पाठन का कार्य संचालन किया जा रहा है।

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