गंगा बिलास क्रूज 21 जनवरी को पहुंचेगा सुल्तानगंज

गंगा बिलास क्रूज 21 जनवरी को पहुंचेगा सुल्तानगंज

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सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी में जुटी है जिला प्रशासन की टीम, विदेशी सैलानी अजगैबीनाथ में पूजा अर्चना कर करेंगे कलाकृति का अवलोकन, सैलानियों का स्वागत पारंपरिक संथाल नृत्य से करने की हो रही है तैयारी : भाजपा अध्यक्ष

भरत पोद्दार (संवाददाता)।
शाहकुंड (भागलपुर)। गंगा बिलास क्रूज से चले विदेशी सैलानियों का जत्था आगामी 21 जनवरी को सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर पहुंचेंगा। गंगा, ब्रह्मपुत्र नदी से बनारस व डिब्रूगढ़ वाया बांग्लादेश के बीच होते हुए सबसे लंबी नदी परिचालन के तहत संचालित यह क्रूज सुल्तानगंज पहुंचेगी। जिसको लेकर जिला व स्थानीय प्रशासन द्वारा तैयारियां तेज कर दी गई है। संयोगवश जिस दिन गंगा विलास क्रूज सुल्तानगंज पहुंचने वाली है, उक्त दिन मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त है। जिसको लेकर आसपास के क्षेत्रों से गंगा स्नान करनेवाले लोगों की भारी संख्या में श्रद्धालु की भीड़ पहुंचेंगी। उक्त मौके को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा की दृष्टिकोण से जिला प्रशासन के लिए चुनौती बन गयी है, हालांकि गंगा विलास क्रूज़ के आगमन को लेकर प्रशासनिक स्तर से तैयारियां तेज कर दी गई है। इसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को संयुक्त रूप में आदेश देकर बताया है कि आगामी 21 जनवरी को सुबह 8 बजे क्रूज़ सुल्तानगंज पहुंचने की संभावना है। जिसका ठहराव नमामि गंगे घाट गंगा नदी तट पर होना है। जिसके बाद सभी सैलानी उतर कर 3 बजे शाम को अजगैवीनाथ मंदिर का पूजा अर्चना के साथ मंदिर स्थलों के साथ साथ आसपास के क्षेत्रों का अवलोकन करेंगे। जिसके बाद वापस सभी सैलानी 7 बजे तक क्रूज़ में चले जाएंगे। जहां सभी विदेशी सैलानी रात्रि विश्राम करेंगे। जिसके बाद आगामी 22 जनवरी को सैलानी 8 बजे सुबह तक बटेश्वर स्थान कहलगांव पहुंच जाएंगे। वहां पहुंचकर विक्रमशिला धरोहर का अवलोकन करेंगे। फिर वहां से अगले दिन आगे के लिए प्रस्थान करेंगे। इस दौरान क्रूज व सैलानियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुल्तानगंज में तीन पालियों में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बलों की तैनाती की रोस्टर ड्यूटी जारी कर दी गई है। सैलानियों के आने की कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार होने पर मंगलवार को अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष ने गंगा घाटों के साथ साथ आसपास के इलाके का भी निरीक्षण किया है। जिस जगह क्रूज का ठहराव होना है, उक्त स्थलों से लेकर अजगैविनाथ धाम जाने वाले मुख्य रास्तों का जायजा लिया है। वहीं अंचलाधिकारी ने बताया कि क्रूज़ किनारे आएगा या बीच नदी में ही रहेगा, इसका फैसला क्रूज़ में तैनात अधिकारी करेंगे। बावजूद इसके हमलोग अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रहे हैं। इधर क्रूज़ आगमन को लेकर भाजपा कार्यकर्ता द्वारा भी तैयारी तेज कर दी गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर क्रूज से आ रहे विदेशी सैलानियों के स्वागत के लिए पारंपरिक संथाल नृत्य से स्वागत करने की योजना बनाई है। जिसको लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है।
गौरतलब हो कि विगत 13 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से हरी झंडी दिखाकर गंगा विलास क्रूज को रवाना किया था, जो 3200 किलोमीटर की दूरी जलमार्ग से तय करेगी। जिसके तहत यूपी, बिहार, बंगाल एव बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी। जिसमें स्विट्जरलैंड के 27 एवं जर्मनी के पांच विदेशी सैलानी शामिल है। गंगा बिलास क्रूज का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को पौराणिक स्थलों का भ्रमण कराना है।

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